शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

नेता जी

एक नेता किस्मत के मारे , चुनाव मे हारे
आत्मा-हत्या  के इरादे से, रेलवे क्रोस्सिंग पर पधारे
कई गाड़िया गुज़र गई ,कुछ इधर- कुछ उधर
पर नेता जी खड़े रहे

मैंने शंकवाश  पुछा ?
आत्मा-हत्या करने आये हों?
या गाडियों के दर्शन करने?
नेता जी बोले
आत्मा-हत्या का इरादा तो  है ,
पर मनं मे बड़ा अफ़सोस है
ये मालगाड़ी है ,यात्री गाड़ी नहीं

हमने कहा ,इससे क्या फर्क पड़ता है,
शरीर तो इससे भी मरता है
नेता जी बोले !
नहीं मे अपनी आखरी इच्छा पूरी करूँगा
आजीवन अपनी सभा मे ,मैं दर्शको के लिए तरसता रहा हूँ
इसलिए मालगाड़ी से नहीं ,बल्कि यात्री गाड़ी से मरूँगा
जिससे प्यारे दर्शको के अंतिम दर्शन तो कर सकूँगा !

०५ .०२.२०११ 

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